दथाकखुर’ का सिद्धांत
लाइन में खड़े होने के लिए, बस या ट्रेन में सीट घेरने के लिए या ख़ाली जगह पर गाड़ी खड़ी करने के लिए दूसरे को पछाड़ कर ख़ुशी की अनुभूति तो हुई ही होगी!
पर कभी किसी ज़रूरत मंद को अपनी जगह देकर देखिए! उसके चेहरे पर छायी ख़ुशी की लहर और धन्यवाद की मुद्रा आपको निहाल कर देगी!
मान लीजिए कि आप किसी आफिस में प्रवेश कर रहे हैं और दरवाज़े पर स्वचालित क्लोज़र लगा है। एक व्यक्ति एक हाथ में भारी बैग है और दूसरे हाथ से एक नन्हा बालक थामे आपके पीछे आ रहा है । उसके प्रवेश करने तक दरवाज़ा थाम कर खुला रखिए, बहुत अच्छा लगेगा!
इसे कहते हैं HTDO MAXIM (Hold The Door Open )! दरवाज़ा थाम कर खुला रखो (दथाकखुर) का सिद्धांत ।
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