Tuesday, September 1, 2020

NETA NETA NA RAHA -KAVITA

कवि शैलेंद्र से क्षमा माँगते हुये हाज़िर है:


नेता नेता ना रहा

वादा वादा ना रहा

चुनाव हमें तेरा 

एतबार ना रहा। 


अमानतें मैं अपने घर की

गया था मैं जिसको सौंपकर

वो मेरे नेता तुम ही थे

तम्हीं तो थे

मुश्किलों की राह में 

कहने को मेरे रहगुज़र 

वो मेरे नेता तुम ही थे

तुम्हीं तो थे


चुनाव के वक्त मुहल्ले में मेरे

हाथ जोड़कर वोट माँगते हुये

वो मेरे नेता तुम ही थे

तुम्हीं तो थे

छोड़कर हमें तड़पता हुआ

अपने जनों को बस में लादकर

कोरोना से बचाकर 

लानेवाले तुम ही थे

तुम्हीं तो थे


सारे भेद खुल गये

तुम हमारे थे ना कभी

वो धोखेबाज़ तुम ही थे 

तुम्हीं तो थे

ज़िंदा रहे अगर किसी तरह

तो कह देंगे ज़ोर से

मतलबी तुम ही तो थे

तुम्हीं तो थे।



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