८. मैं, मुझे और मेरा- मेरा बेड रूम !
मेरा एक बेडरूम है।
(तो क्या ख़ास बात है, कइयों के पास होते हैं?)
इसकी चार दीवारें हैं।
(इसमें नया क्या है? सब कमरों की दीवार होती हैं तभी तो उनको कमरा बोलते हैं)
इसका एक दरवाज़ा है।
(तो? हर कमरे का कम से कम एक दरवाज़ा तो होता ही है)
कमरे में एक बिस्तर है ।
(निःसंदेह, तभी तो इसको बेडरूम कहते हैं)
इसमें एक खिड़की है।
(ठीक है, हर कमरे में नहीं होती पर कितनी बार और कब तक खिड़की खुली रखते हो?)
और बहुत कुछ है-एक ड्रेसिंग टेबल, एक कुर्सी के साथ छोटी सी राइटिंग टेबल, एक लैपटॉप, एक क्लोज़ेट जिसको मंदिर बना रखा है, एक कपड़ों की आलमारी लौकर के साथ, एक पंखा, एयरकंडिशनर, हीटर, और..
(रुको, यह आराम करने की जगह है या गोदाम? )
पर मुझे तो सब चाहिऐं, सब ज़रूरत की चीजें आसपास हों तो अच्छा लगता है । शुरू शुरू में केवल चटाई थी और मुझे नींद भी अच्छी आती थी।
(तुम्हारा मतलब तुमको अब ठीक से नींद नहीं आती? )
कुछ ऐसा ही समझो । पर यह सब अचानक नहीं हुआ । समय लगा । लोग कह रहे हैं उम्र बढ़ती है तो नींद कम होने लगती है ।
(तो तुम कहना चाहते हो कि जो इतना सामान तुमने अपने चारों ओर बटोर रखा है, उसका तुम्हारी कम नींद से कोई संबंध नहीं है)
मुझे मालूम नहीं है!
(कहीं ये डर तो नहीं कि चोर ले जायेगा?)
इतना भी नहीं, पूरी सीक्योरिटी है।
( तो फिर सोच रहे हो तुम्हारे बाद इस कमरे का, कमरे में रखे सामान का क्या होगा?)
सोचना तो पड़ता ही है!
(दे दिवा दो, अपने रहते ! )
यही सोच रहा हूँ।
नींद आने लगी हो तो, बाद में पढ़ सकते हैं😂
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