EXPERIENCE THY NAME IS LIFE

It is difficult to define life. It has different meanings for different individuals. To me experience is life.

Wednesday, May 30, 2018



    एक गलती और नहीं 
    एक गलती और नहीं । हम जो आजादी के बाद या आसपास की पैदाइश हैं आज 70/80 के नजदीक हैं । अधिकांश नेहरू की विचारधारा से प्रभावित हैं । उस समय के जितने भी नेता थे आजादी से जुड़े हुए थे। उनके लिए हमारे दिल में एक खास जगह थी। ओ चाहे गांधी के साथ थे या शुभाष के । दोनों का मक़सद एक था, आजादी । अपने बुजुर्गों से उनके बारे मे सुनते और सुनते ही रह जाते। उनमें से कुछ को देखने का शौभाग्य भी मिला। लगता जब तक क हैं हम सुरक्षित हैं । फिर एक के बाद एक सब चले गये । इंदिरा गांधी ने सब बहुत नजदीक से देखा था पर शासन करने का अनुभव ही नहीं मिल पाया । शाश्त्री जी असमय चल बसे । और कोई बिकल्प नजर नहीं आया तो इंदिरा को बागडोर दे दी। पहली गलती, तभी किसी अनुभवी व्यक्ति को कमान देते तो शायद परिवार वाद नहीं पनपता । पर कुछ भी हो, कुछ गलत कदमों को छोड़कर, इंदिरा ने साबित कर दिया कि ओ गूँगी गुड़िया नहीं थीं । एक दिन उनको
    30 May at 6:07 PM


    Hari Lakhera <hplakhera@yahoo.co.in>
    To:Hari Prasad Lakhera
    30 May at 6:07 PM
    एक गलती और नहीं ।
    
    हम जो आजादी के बाद या आसपास की पैदाइश हैं आज 70/80 के नजदीक हैं । अधिकांश नेहरू की विचारधारा से प्रभावित हैं । उस समय के जितने भी नेता थे आजादी से जुड़े हुए थे। उनके लिए हमारे दिल में  एक खास जगह थी। ओ चाहे गांधी के साथ  थे या शुभाष के । दोनों का मक़सद एक  था, आजादी । 
    अपने बुजुर्गों से  उनके बारे मे सुनते  और सुनते ही रह जाते। उनमें से कुछ को देखने का शौभाग्य भी मिला। लगता जब तक क हैं हम सुरक्षित हैं । 
    फिर  एक के बाद एक सब चले गये । इंदिरा गांधी ने सब बहुत नजदीक से देखा था पर शासन करने का अनुभव ही नहीं मिल पाया । शाश्त्री जी  असमय चल बसे । और कोई बिकल्प नजर नहीं  आया तो  इंदिरा को बागडोर दे दी। पहली गलती,  तभी किसी अनुभवी व्यक्ति को कमान देते तो शायद परिवार वाद नहीं पनपता । पर कुछ भी हो, कुछ गलत कदमों को छोड़कर,  इंदिरा ने साबित कर दिया कि ओ गूँगी गुड़िया नहीं थीं ।
    एक दिन उनको भी छीन लिया गया। कमान राजीव को दे दी गई । एक और गलती । परिवार वाद नहीं पनपता अगर कमान कोई और संभालता। या तो कोई था नहीं या पार्टी टूट जाने का खतरा नहीं  उठाना चाहती थी।
    
    यहाँ तक यूँ तो देश ने प्रगति की पर साथ ही बहुत कुछ गलत भी हुआ । आज जो लोग कहते हैं कि पिछले 60 साल में कुछ नहीं हुआ वे नादान हैं,  उनको माफ़ कर दिया जाए । उनमें से कोई भी नहीं जो गांधी,  नेहरू,  पटेल,  आजाद,  के समकक्ष  आ सकें । आज कहा जा रहा है कि देश का नाम विश्व में  ऊँचा है,  तो क्या पिछले चार साल की वजह से । नेहरू  और इंदिरा के समय देश आज से कहीं  अधिक  उचाईयों पर था।
    
    आज के नेताओं को हमने बहुत नजदीक से देखा सुना है। सबके सब किसी न किसी रूप मे कलंकित हैं । कोई भी नहीं जिसके लिए सचमुच का प्यार या इज्जत हो। पर राज्य के लिए राजा जरूरी है सो जो भी हो बरदास्त करना होगा ।
    
    बस एक गलती  और न हो ।राजा  जो भी हो,  उसे  आदमी ही रहने दो,  भगवान मत बनाओ । एक दिन ओ भी चला जायेगा । आदमी तो दूसरा मिल जायेगा, भगवान कहाँ से लाओगे । पहले परिवार वाद पनपा अब व्यक्ति वाद पनपेगा तो गलती ही होगी ।
    
    
    
    
    
- May 30, 2018 No comments:
Email ThisBlogThis!Share to XShare to FacebookShare to Pinterest
Newer Posts Older Posts Home
Subscribe to: Posts (Atom)

Universal Language of Love and Hate.

Universal Language of Love and Hate. Sometimes, I wonder, why humans developed languages or even need them? If we look back, we will realize...

  • MAHABHARAT QUIZ
        Mahabharata Quiz QUESTION 1.  Only ten people survived the great war which lasted eighte...
  • 'MAKE IN INDIA' MAY TURN INTO 'MAKE UP INDIA'
    ‘MAKING IN INDIA’ MAY TURN  INTO ‘MAKE UP INDIA’? Narendra Modi Government came into power with ‘Make in India’ campaign. What he in eff...
  • ON THE EVE OF ANNA'S ARREST
    WE CAN MAKE A DIFFERENCE..BUT! Whenever I see a Sea of humans moving for a cause it reminds me of the saying: “IF EVERYBODY SHRUNK OURSELVES...

Search This Blog

  • Home

About Me

My photo
Hari Prasad Lakhera
Germantown , Tennessee, United States
Retired senior Marketing Professional
View my complete profile

Blog Archive

  • ►  2022 (9)
    • ►  December (1)
    • ►  November (1)
    • ►  June (5)
    • ►  March (2)
  • ►  2021 (28)
    • ►  July (1)
    • ►  June (27)
  • ►  2020 (23)
    • ►  October (1)
    • ►  September (22)
  • ►  2019 (6)
    • ►  June (2)
    • ►  January (4)
  • ▼  2018 (29)
    • ►  December (4)
    • ►  August (7)
    • ►  July (1)
    • ►  June (4)
    • ▼  May (1)
      • एक गलती और नहीं  एक गलती और नहीं । हम...
    • ►  April (5)
    • ►  March (2)
    • ►  February (3)
    • ►  January (2)
  • ►  2017 (81)
    • ►  December (9)
    • ►  November (8)
    • ►  October (11)
    • ►  September (5)
    • ►  August (12)
    • ►  June (4)
    • ►  May (1)
    • ►  April (5)
    • ►  March (26)
  • ►  2016 (19)
    • ►  November (1)
    • ►  October (1)
    • ►  September (1)
    • ►  August (2)
    • ►  July (7)
    • ►  May (1)
    • ►  March (1)
    • ►  February (5)
  • ►  2015 (22)
    • ►  December (1)
    • ►  August (4)
    • ►  July (2)
    • ►  June (8)
    • ►  May (5)
    • ►  January (2)
  • ►  2014 (19)
    • ►  December (2)
    • ►  November (1)
    • ►  October (1)
    • ►  September (1)
    • ►  August (3)
    • ►  March (2)
    • ►  February (1)
    • ►  January (8)
  • ►  2013 (13)
    • ►  October (4)
    • ►  September (1)
    • ►  June (1)
    • ►  May (3)
    • ►  January (4)
  • ►  2012 (13)
    • ►  November (3)
    • ►  September (1)
    • ►  August (1)
    • ►  July (3)
    • ►  June (1)
    • ►  May (1)
    • ►  April (1)
    • ►  March (1)
    • ►  February (1)
  • ►  2011 (52)
    • ►  December (4)
    • ►  November (5)
    • ►  September (9)
    • ►  August (11)
    • ►  July (6)
    • ►  June (1)
    • ►  May (2)
    • ►  April (7)
    • ►  March (1)
    • ►  February (3)
    • ►  January (3)
  • ►  2010 (39)
    • ►  December (2)
    • ►  September (3)
    • ►  August (11)
    • ►  July (1)
    • ►  May (22)

Labels

  • VACATIO N

Report Abuse

Powered By Blogger

Followers

Simple theme. Theme images by luoman. Powered by Blogger.